सीता माता की जय 🙏
माता जानकी तुमसे क्या मांगे
तुमने तो अपना चरित्र दिया।
हम डूब रहे भवसागर में
तुमने आकर मन शांत किया।
तुमने वनवास बिताया था
जीवन को सरल बनाया था।
संघर्ष में ही तो जीवन है
जन-जन को यह बतलाया था।
माता जानकी तुमसे………
दुर्गम-पथ पर चली पति संग
ठाट-बाट सब छोड़ दिया।
धरकर पति सेवा का व्रत
जन मन को आदर्श दिया।
माता जानकी तुमसे……….
त्याग,धैर्य की सौम्य मूर्ति
दैविक रूप दुलारी हो।
हर नारी में छवि तुम्हारी
तुम आदर्श सन्नारी हो।
माता जानकी तुमसे……..
डॉ.निशा नंदिनी भारतीय
तिनसुकिया,असम
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